रहमत अली ने दलित किशोरी से 2 बार की अश्लील हरकत : मुस्लिम गुंडों ने तोड़ी अम्बेदकर मूर्ति

अंबेदकर मूर्ति
आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार 
लोकसभा चुनाव अपने तीसरे पड़ाव पर ही आया है, कि दलित विरोधी गतिविधियाँ भी शुरू हो गयीं हैं। लेकिन यह काम किसी और ने नहीं, बल्कि छद्दम धर्म-निरपेक्ष पार्टियों के वोट बैंक यानि मुस्लिमों ने किया है, जिस कारण कोई #metoo, #not in my name, #award vapsi, #intolerance और न ही कोई #mob lynching आदि गैंग नहीं बोलेगा। सबको लगता है, पीना साँप पी गया है, जिस कारण उनके घरों में कोई शोक मन रहा होगा। कहाँ हैं मायावती, अखिलेश यादव, अरविन्द केजरीवाल, राहुल गाँधी और दलितों के घर भोजन करने वाले नेता? काश ! यही नीच काम हिन्दुओं ने किया होता, इन्ही छद्दमों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाकर पुरे भारत में आसमान सिर पर उठा लिया होता। सारे गैंग बाहर निकल आये होते।    
उत्तर प्रदेश के देवरिया से बड़ी ख़बर सामने आई है। जनपद स्थित गौरीबाजार थाना क्षेत्र के करजवाँ महुअवाँ दलित बस्ती में मुस्लिम दबंगों ने जम कर उत्पात मचाया। दरअसल, मामला शुरू हुआ रहमत अली द्वारा दलितों के घर में घुसकर लड़की से छेड़छाड़ करने पर। जब दलितों ने इस बात की शिकायत पुलिस से की तो मुस्लिम दबंगों ने गुस्से में दलित बस्ती में घुसकर न सिर्फ़ पीड़िता के परिवार वालों की पिटाई की बल्कि वहाँ लगी अम्बेदकर की मूर्ति को भी तोड़-ताड़ दिया। घटना के बाद दलित महिलाओं में भय का माहौल है। पूछने पर महिलाएँ रो पड़ती हैं। डरी, सहमी और बदहवास महिलाओं ने पुलिस पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। घर में बदहवास बैठी महिलाएँ किसी अनहोनी की आशंका से अभी भी घबराई हुई हैं।
रहमत अली द्वारा लड़की से दुर्व्यवहार करने का जब विरोध किया गया तो वो शमशेर, इशराद, नौशाद, अताउल, फ़ैसल, जहाँगीर समेत अपने दर्जन भर गुंडे साथियों के साथ वापस दलित बस्ती में पहुँचा और तांडव मचाया। ‘समुदाय विशेष’ के गुंडों द्वारा खुलेआम तलवारें लहराई गईं, जिसके कारण बच्चों में अभी तक भय व्याप्त है। दलितों का कहना है कि छेड़खानी के अगले ही दिन पुलिस से मामले की शिकायत की गई थी। अगर समय रहते पुलिस सक्रिय हो जाती तो गुंडों की इतनी हिम्मत नहीं होती। घटना के बाद पीड़ितों ने थाने पहुँच कर विरोध प्रदर्शन किया। गाँव में तनाव का माहौल है।
रहमत अली ने 2 बार किशोरी से छेड़खानी की। जब वो पहली बार उसके घर में घुसा तो रात का समय था। किशोरी द्वारा शोर मचाए जाने के बाद घरवालों की नींद खुली, जिसके बाद रहमत भाग खड़ा हुआ। गुरुवार (अप्रैल 18, 2019) की इस घटना के बाद शुक्रवार को रहमत अली फिर से उक्त किशोरी के घर में घुस गया।परिवार के लोगों द्वारा दौड़ाए जाने के बाद वो भाग खड़ा हुआ। इसके बाद बौखलाए रहमत ने लाठी-डंडे और तलवारों से लैस होकर बस्ती में साथियों सहित पहुँच कर कहर बरपाया। गुंडों ने दिव्यांग तक को नहीं बख्शा। किशोरी की माँ को भी घायल कर दिया गया। पीड़िता के सीने पर ईंट से वार किया गया, जिसके कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
मुस्लिम दबंगों द्वारा किए गए इस हमले में 20 दलितों के घायल होने की सूचना है। उपद्रवी फ़रार हैं। अभी तक सिर्फ़ एक आरोपित रहमत अली की गिरफ़्तारी की सूचना है। ग्रामीणों की माँग है कि पहले सभी आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और उसके बाद बाबासाहब अम्बेदकर की प्रतिमा की अच्छी तरह मरम्मत कराई जाए। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह से किसी के घर में घुसकर शर्मनाक हरकत करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। उन्होंने प्रशासन को निष्पक्ष जाँच एवं कार्रवाई के लिए कहा है।
एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि पुलिस के सामने ही अम्बेदकर की प्रतिमा तोड़ी गई। जब मुस्लिम दबंग डाली बस्ती में हंगामा मचा रहे थे, तभी पुलिस को सूचना दे दी गई थी और पुलिस मौके पर पहुँच भी गई थी। लेकिन गुंडों ने मूकदर्शक बनी पुलिस के सामने ही बाबासाहब भीमराव अम्बेदकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। एक दलित महिला के हाथ पर तलवार से प्रहार भी किया गया।(एजेंसीज इनपुट्स सहित)

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