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हूर ब्रांड पैकेट पर लिखा ‘भैंस का मांस’, पुलिस ने पकड़ा तो निकला 185000 किलो गोमांस: पश्चिम बंगाल में काटे 8000 गाय, नोएडा में लाकर किया स्टोर

  बंगाल से लाकर नोएडा में स्टोर करते थे गोमांस, अब तक 9 गिरफ्तार (फोटो साभार: वेद नागर फेसबुक/नोएडा पुलिस)
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 9 नवंबर 2024 को ग्रेटर नोएडा में गोमांस की बड़ी खेप बरामद की थी। इससे एक ऐसे नेटवर्क का खुलासा हुआ है जिसमें गाय पश्चिम बंगाल में काटी जाती थी। कंटेनर के जरिए नोएडा लाई जाती थी। यहाँ के एक कोल्ड स्टोरेज में इसे स्टोर किया जाता था। फिर कथित तौर पर दिल्ली-एनसीआर और उत्तराखंड में इसकी सप्लाई की जाती थी।

पुलिस ने 185 टन गोमांस बरामद किए जाने की बात कही है। लेकिन गो रक्षा हिंदू दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेद नागर का दावा है कि करीब 250 टन गोमांस पकड़ी गई थी। उनका यह भी कहना है कि कंटेनर से गोमांस की सप्लाई की सूचना उन्हें ही मेवात के गोरक्षक दलों से मिली थी।

लोनी से भाजपा MLA नन्द किशोर गुर्जर का कहना है कि पकड़ी गई गोमांस की खेप से लगता है कि कम से कम 8 हजार गायों को काटा गया होगा। उन्होंने लखनऊ में बैठे 2 बड़े अधिकारियों के इसमें संलिप्त होने का भी दावा किया है। हालाँकि इनके नाम नहीं बताए हैं। इस मामले में पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। कोल्ड स्टोरेज पर बुलडोजर चलाने और आरोपितों पर NSA लगाने की भी माँग हो रही है।

हरियाणा नंबर की गाड़ी से सप्लाई

घटना नोएडा के दादरी की थाना क्षेत्र है। गोरक्षा संगठन के सदस्यों को पश्चिम बंगाल से गोमांस आने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर संगठन के सदस्य जमा हुए। एक ट्रक जिसका नंबर HR 38 AE 9185 था को रोक कर तलाशी ली गई तो उसमें मांस मिला। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुँच कर माँस के सैम्पल लिए और जाँच के लिए भेजा। जाँच में यह गोमांस पाया गया।
इस ट्रक को शिव शंकर चला रहा था जो UP के एटा जिला का निवासी है। ट्रक का खलासी भी इसी जिले का सचिन था। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में इन्होंने बताया है कि वे मांस पश्चिम बंगाल से ला रहे थे। इसे थोक भाव में हबीबर मुल्ला से खरीदा गया था। इन्होंने बताया कि वे ट्रक SPJ कोल्ड स्टोरेज में ले जा रहे थे जो गौतम बुद्ध नगर जिले के नगला किरानी गाँव में है।

अब तक 9 गिरफ्तार, कोल्ड स्टोरेज सील

ऑपइंडिया के पास इस मामले की FIR कॉपी मौजूद है। केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 325 के तहत दर्ज किया गया है। कोल्ड स्टोरेज के मालिक पूरन जोशी, डायरेक्टर मोहम्मद खुर्शिदुन नबी और मैनेजर अक्षय सक्सेना को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। कोल्ड स्टोर और ट्रक सीज कर लिया गया है। 23 नवंबर को पुलिस ने इस तस्करी में शामिल दिल्ली निवासी सलीमुद्दीन अंसारी को भी दबोच लिया।
जाँच के दौरान अविनाश कुमार, राकेश सिंह और शोएब हकानी की भी मिलीभगत का पता चला। ये तीनों टोरो प्राइमरी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कम्पनी में स्टाफ हैं। इस कम्पनी पर कोल्ड स्टोरेज में रखे गए गोमांस की खरीद-फरोख्त का आरोप है। रविवार (24 नवंबर 2024) को पुलिस ने शोएब, अविनाश और राकेश को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस केस में BNS 325 के साथ 318 (4) 61 (2) और 3/8 गौवध अधिनियम की वृद्धि की गई है।
नोएडा पुलिस के अनुसार कुल 185 टन गोमांस बरामद हुआ है। इसमें से 153 टन कोल्ड स्टोरेज के चैंबर नंबर 5 में रखा गया था। शेष गोमांस पश्चिम बंगाल से आए कंटेनर से बरामद हुआ था। पुलिस ने बरामद गोमांस की कीमत लगभग 4 करोड़ रुपए बताई है। यह मांस बोनलेस था। बोनलेस मांस उस हिस्से से काट कर निकाला जाता है जिसमें हड्डी नहीं होती। इसके सैम्पल सुरक्षित रख कर बाकी मांस को नियमानुसार नष्ट कर दिया गया है।

‘हूर’ ब्रांड, पैकेट पर लिखा था भैंस का मीट

बरामद गोमांस की पैकिंग काले और पीले रंग के पैकेटों में की गई थी। पैकेटों पर ब्रांड का नाम ‘हूर’ लिखा हुआ था। साथ ही अंग्रेजी और अरबी में ‘FROZEN BONELESS BUFFALO MEAT’ लिखा हुआ था। बताया गया था कि पैकेट हलाल सर्टिफाइड हैं। मांस निकलने के लिए पशु को पूरे इस्लामिक तौर तरीकों से काटा गया है। पैकिंग करने वाले का नाम ‘मुराद कर्बला फ़ूड’ प्रिंट दर्ज था। मांस को जिस पॉलीथिन में रोल किया गया था उस पर भी अरबी भाषा में तमाम शब्द लिखे हुए थे।  
ऑपइंडिया से बात करते हुए गोरक्षक वेद नागर ने बताया कि उनको गोमांस आने की सूचना मेवात के गोरक्षा दलों से मिली थी। उनके अनुसार यह भारत में गोमांस की सबसे बड़ी बरामदगी है।
उन्होंने गो तस्करी में शामिल लोगों को राजनैतिक संरक्षण मिलने की भी बात कही है। आरोपितों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन की माँग की है। प्रशासनिक कार्रवाई में ढिलाई होने पर हिन्दू महापंचायत का भी एलान किया है।
प्रशासनिक कार्रवाई में ढिलाई होने पर हिन्दू महापंचायत का भी एलान किया है। एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए नागर ने कहा कि यदि प्रशासन कोल्ड स्टोरेज पर बुलडोजर नहीं चलाएगा तो स्थानीय निवासी ही इसे ध्वस्त कर देंगे। उन्होंने आशंका जताई है कि कोल्ड स्टोरेज का मालिक पूरन जोशी धर्म परिवर्तन कर चुका है। 

काटे गए 8 हजार से अधिक गोवंश: बीजेपी MLA

लोनी से भाजपा MLA नन्द किशोर गुर्जर ने दादरी को प्राचीन समय से गोरक्षकों का क्षेत्र बताते हुए इतनी बड़ी मात्रा में गोमांस की बरामदगी को सभी के लिए डूब मरने जैसी स्थिति बताया है। उन्होंने इस मामले में स्थानीय पुलिस पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया है।
बीजेपी विधायक का कहना है कि कुछ अधिकारी सही मंशा से काम नहीं कर रहे। उन्होंने 8000 गायों के काटे जाने का अनुमान लगाया है। कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे।
MLA गुर्जर का दावा है कि लखनऊ में बैठे 2 बड़े अधिकारी पूरे प्रदेश में गायों को कटवा कर उसका पैसा रख रहे हैं। उन्होंने इन दोनों अधिकरियों पर निचले स्टाफ के ऊपर दबाव डालने और सरकार की छवि बर्बाद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले की CBI जाँच की माँग की है।

झारखंड : राजधानी राँची में बकरीद पर खुलेआम गोवंश को काटा, देख रहीं थी औरतें-बच्चे: Video वायरल, अमानुल्लाह और हकीम खान फरार

गौहत्या का वायरल वीडियो (चित्र साभार: Yourbabulal/X)
झारखंड की राजधानी राँची में बकरीद पर एक गोवंश की कुर्बानी के लिए हत्या कर दी गई। गोवंश को सार्वजनिक स्थान पर काटा गया, इसका एक वीडियो भी वायरल हो गया है। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जाँच चालू कर दी है और दो लोगों की तलाश कर रही है।

जानकारी के अनुसार, राँची शहर के रमजान कॉलोनी थाना क्षेत्र में सोमवार (17 जून, 2024) को यह घटना हुई। यहाँ कुछ लोगों ने एक गोवंश की खुले मैदान में हत्या कर दी। यह हत्या बकरीद में क़ुरबानी के लिए की गई। पास में मौजूद एक व्यक्ति ने इस घटना का वीडियो बना लिया।

यह वीडियो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में कुछ लोग एक जानवर को जमीन पर डालते दिखते हैं। आसपास में भी कई लोग खड़े हैं जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी हैं। वीडियो में कुछ लोग टोपी लगाए हुए भी दिखते हैं।

वीडियो वायरल होने के बाद राँची में इस पर बवाल हो गया और कार्रवाई की माँग की गई। गोवंश काटने के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और इसे काटने वाले दो लोगों की पहचान भी कर ली गई है। पुलिस इन दोनों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

राँची शहर के डिप्टी एसपी केवी रमन ने इस मामले में ऑपइंडिया को बताया कि सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुँची थी। यहाँ से उसे मांस बरामद हुआ है जिसे जाँच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। उन्होंने बताया है कि प्रारम्भिक जाँच में मामला गौवंश की हत्या का बनता है।

केवी रमन ने ऑपइंडिया को बताया कि इस मामले में गौवंश की हत्या में शामिल मोहम्मद अमानुल्लाह और हकीम खान की पहचान कर ली गई है। यह दोनों राँची के रहने वाले हैं। यह घटना के बाद मौके से फरार हो गए थे। इनकी तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं और लगातार छापेमारी की जा रही है।

उन्होंने यह भी बताया है कि मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जाँच हो रही है, यदि किसी और का नाम आता है तो उसे भी जोड़ा जाएगा। गौरलतब है कि झारखंड में 2005 से ही गौवध निषेध क़ानून लागू है। इसके अंतर्गत गौवंश की हत्या गैर जमानती अपराध है और इसके लिए 10 वर्ष तक की सजा हो सकती है।

इस मामले को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झामुमो-कॉन्ग्रेस सरकार को घेरा है। बाबूलाल मरांडी ने इस घटना का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “पाकुड़ के बाद आज राजधानी रांची के बीचोबीच स्थित पीस रोड वाले इलाके में खुलेआम गौहत्या कर दी गई। झामुमो-कॉन्ग्रेस द्वारा किया जा रहा मुस्लिम तुष्टिकरण बेहद खतरनाक संकेत है। घुसपैठियों को राजनीतिक प्रश्रय देकर बंगाल जैसी भयावह स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश हो रही है।”

पाकुड़ में भी गौवंश काटने का आरोप

इससे पहले बकरीद के ही पाकुड़ के गोपीनाथपुर थाना क्षेत्र में गौवंश काटने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया था। ग्रामीणों के इस क़ुरबानी का विरोध करने पर उन पर हमला कर दिया गया था। उनके घरों पर पत्थरबाजी और बम चलाए गए थे। कई लोगों को मारा पीटा भी गया था।

गर्भवती गाय की हत्या से उबला तेलंगाना: घर के बाहर बँधी थी, काटकर खाल और पैर फेंक दिया, सद्दाम सहित तीन हिरासत में

तेलंगाना के करीमनगर में गौहत्या (फोटो साभार : X_bandisanjay_bjp)
तेलंगाना के करीमनगर जिले में एक गर्भवती गाय को चुरा लिया गया। गाय को गाँव के बाहर ले जाकर उसकी हत्या कर दी गई। ग्रामीणों को जब चोरी की खबर मिली तो उन्होंने गाय की खोजबीन शुरू की। उन्हें गाय की जगह उसकी खाल और कुछ हड्डियाँ मिलीं। इसके बाद वो आक्रोशित हो गए। खबर है कि गाय की हत्या करने के बाद हत्यारों ने मांस को बेच दिया और हड्डी एवं खाल को वहीं छोड़ दिया।

ये वारदात तेलंगाना के करीमनगर जिले के शंकरपट्टनम मंडल स्थित मोलंगुर गाँव की है। यहाँ गजुला कुमार नाम के ग्रामीण की गाय को 31 दिसंबर 2023 की आधी रात के आसपास सद्दाम, शेख ताज और मनोज मोरे ने चुरा लिया। उनकी गाय गर्भवती थी। नए साल के पहले दिन ग्रामीणों ने सूचना दी कि गाँव के बाहर गाय के अवशेष मिले हैं, जिसमें उसकी खाल और हड्डियाँ शामिल हैं।

इस सूचना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। इस घटना के बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने करीमनगर और वारंगल के बीच एनएच 563 पर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में बीजेपी सांसद बंदी संजय कुमार ने आक्रोश जताया। उन्होंने गौहत्या से जुड़े विजुअल्स शेयर किया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि ग्रामीण गाय के पैर की हड्डियों को छूकर रो रहे हैं।

बंदी संजय कुमार ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “यह देखकर मेरा खून खौल रहा है कि कैसे शंकरपट्टनम मंडल के मोलंगुर गाँव में एक गर्भवती गौमाता को काटकर मार डाला गया। यह भयावह और हृदयविदारक है। तेलंगाना सीएमओ, तेलंगाना डीजीपी और करीमनगर सीपी से हम माँग करते हैं कि दोषियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जाए कि दोबारा कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत भी करे।”

हुजूराबाद के एसीपी एल जीवन रेड्डी ने बुधवार (03 जनवरी 2023) को बताया कि इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ तेलंगाना गोहत्या निषेध और पशु संरक्षण अधिनियम 1977 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से दोपहिया गाड़ी, गाय की खाल, हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद हुए हैं।


मध्य प्रदेश : सगाई दावत से 70 किलो गोमांस बरामद : पुलिस छापेमारी में बछड़े के आठ पाँव भी मिले; गिरफ़्तारी क्यों नहीं?

                                                              खंडवा में सगाई दावत में गोमांस
मध्य प्रदेश के खंडवा में खुलेआम गौ-हत्या कर सगाई समारोह में उसके मांस की दावत उड़ाई जा रही थी। आरोपितों को न तो प्रशासन का डर है और न ही कानून का। जानकारी मिलते ही पुलिस ने आरोपितों के घर पहुँचकर 60 किलोग्राम अधपका मांस बरामद किया है। इसके साथ ही 10 किलोग्राम कच्चा मांस भी फ्रिज से बरामद किया है। पुलिस को हत्या की गई गायों के 8 पैर भी पॉलिथीन में बरामद किए हैं।

जानकारी के मुताबिक, मामला खंडवा के जावर थाना क्षेत्र का है। यहाँ के फोकटपुरा मुंदवाड़ा में मंगलवार (02 जनवरी 2023) को शबनम बीबी की बेटी यासरा (19 वर्ष) की सगाई का कार्यक्रम था। इसमें अतिथियों के लिए गौमांस पकाई गई थी। हालाँकि, सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई। पुलिस ने मांस को अपने कब्जे में लेकर उसकी जाँच के लिए भेज दिया है। इसके साथ ही मामला दर्ज करके घरवालों से पूछताछ की है।

अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं

पुलिस से पूछताछ में शबनम बीबी ने बताया कि उसने 4000 रुपए देकर जावेद पुत्र शेख बाबू से ये मांस मंगाया था। जावेद ही पशुओं को काटने का काम करता है। शबनम ने कहा कि उसे नहीं पता था कि ये गौमांस है या कुछ और। पुलिस ने मामले में शबनम बीबी की बेटी को मुख्य आरोपित बनाया है और अपराध एफआईआर नंबर 0004/2024 में धारा 5/9 गौवंश प्रतिशेध अधिनियम 2004 के तहत केस दर्ज किया है।
चूँकि सगाई समारोह का आयोजन था, इसलिए पुलिस ने नरमी बरती। प्रतिबंधित मांस को जब्त होने के बावजूद किसी को मौके से गिरफ्तार नहीं किया गया। अभी जाँच की जा रही है और आरोपितों को बुधवार (03 जनवरी 2023) को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। खंडवा के जावर थाना प्रभारी गंगा प्रसाद वर्मा ने ऑपइंडिया से बातचीत में मामले की पुष्टि की है।
उन्होंने बताया कि पुलिस टीम दूसरे केस में छापेमारी के लिए इलाके में गई थी। वहाँ मुखबिर से सूचना मिली थी कि फोकटपुरा मुंडवारा में एक सगाई समारोह में गौमांस बनाया जा रहा है। इसके बाद पुलिस टीम वहाँ पहुँची। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से 60 किलो अधपका और 10 किलो फ्रिज में रखा हुआ गोमांस मिला। इसके अलावा मौके पर 8 पैर भी मिले हैं, जो पॉलिथीन में रखे गए थे।
टीआई गंगा प्रसाद वर्मा ने बताया कि पुलिस द्वारा खंडवा के पशु चिकित्सालय में बरामद मांस के सैंपल को जाँच के लिए भेजा गया है। वहाँ, पशु डॉक्टर- डॉक्टर प्रिया सिसोदिया, डॉक्टर नीरज कुमुद और डॉक्टर नवीन तिवारी की टीम ने सैंपल की जाँच की। जाँच की मौखिक रिपोर्ट में गोमांस की पुष्टि हुई। इसकी विस्तृत रिपोर्ट 36 घंटे बाद देने के लिए कहा है।
गंगा प्रसाद वर्मा ने कहा कि बचे हुए गोवंश के अवशेषों को वापस थाने लाया गया और विधिपूर्वक कार्रवाई कर नष्टीकरण किया गया। किसी के गिरफ्तार के न होने के सवाल पर गंगा प्रसाद वर्मा ने बताया कि मामला सगाई समारोह का था, इसलिए कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। कहीं सांप्रदायिक सौहार्द न बिगड़ जाए, इसी वजह से सावधानी बरती गई।
उन्होंने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आरोपितों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि जाँच के साथ ही जरूरी हुई तो आगे भी धाराएँ बढ़ाई जाएँगी। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि किसी भी आरोपित को छोड़ा नहीं जाएगा।

कर्नाटक : ‘जब भैंसा काटा जा सकता है तो गाय क्यों नहीं?’: गोवध’ बैन होने पर कांग्रेस मंत्री वेंकटेंश

                                                  कर्नाटक के मंत्री वेंकटेश (साभार: कन्नड़ प्रभा)
एमनेस्टी इंटरनेशनल और मुस्लिम संगठनों के सहयोग से कर्नाटक चुनाव जीतने वाली कांग्रेस अब इनसे किये वायदों को पूरा करने हिन्दू हितों को अनदेखा करने की कमर कस चुकी है। जो इस बात को भी सिद्ध कर रही है कि कांग्रेस में तिलक लगाए किसी नेता पर विश्वास न किया जाये, ये लोग कब अपनी कुर्सी की खातिर सनातन धर्म का गला घोंट दें, कहना मुश्किल है। कर्नाटक में गो-हत्या पर समीक्षा करने से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस को हिन्दु हितों की लेशमात्र भी चिंता नहीं। अगर कर्नाटक में गो-हत्या की इजाजत दी जाती है, तो क्या आने वाले चुनावों में क्या किसी हिन्दू को कांग्रेस को वोट देना चाहिए? 

कर्नाटक के पशुपालन मंत्री के वेंकटेश ने शनिवार (4 जून 2023) को कहा कि जब भैंसों को काटा जा सकता है तो गाय को क्यों नहीं काटा जा सकता। अपने बयान के माध्यम से उन्होंने संकेत दिया कि कांग्रेस सरकार (Congress Government) भाजपा सरकार द्वारा राज्य में लागू किए गए गोहत्या विरोधी कानून की समीक्षा करेगी।

वेंकटेश ने कहा कि सरकार इस कानून के संबंध में चर्चा करेगी और फिर फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार एक विधेयक लाई थी, जिसमें उसने भैंस और भैंसा का वध करने की अनुमति दी थी, लेकिन कहा था कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए। भाजपा ने सरकार ने इसके सजा को भी कड़ा कर दिया था।

कर्नाटक के पशुपालन मंत्री ने कहा, “जब भैंस और भैंसा का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं? यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है। हम चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे। इस सिलसिले में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।”

वेंकटेश ने कहा कि बूढ़ी गायों की देखभाल करने और उनकी मौत होने पर उन्हें दफनाने में किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि हाल में उनके फार्म हाउस में एक गाय की मौत हो गई। उस मृत गाय को दफनाने के लिए उन्हें जेसीबी की मदद लेनी पड़ी थी।

दरअसल, भाजपा सरकार ने कर्नाटक पशु वध रोकथाम एवं संरक्षण अधिनियम को 2021 में लागू किया था। यह अधिनियम राज्य में पशुओं की वध पर प्रतिबंध लगाता है। केवल बीमार मवेशियों और 13 साल से अधिक उम्र की भैंसों के वध की ही अनुमति दी गई। इस कानून का कॉन्ग्रेस विरोध करती रही है।

इससे पहले 25 मई 2023 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में राज्यमंत्री प्रियांक खड़गे ने भी कहा था कि राज्य मे हिजाब पर प्रतिबंध, गोवध प्रतिबंध और धर्मांतरण कानून सहित अन्य मामलों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

कर्नाटक के सिद्धारमैया सरकार में राज्यमंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा था, “हम अपने रुख को लेकर बहुत स्पष्ट हैं। हम ऐसे किसी भी कार्यकारी आदेश की समीक्षा करेंगे, हम किसी भी विधेयक की समीक्षा करेंगे जो कर्नाटक की आर्थिक नीतियों के प्रतिकूल है। जो राज्य की खराब छवि प्रस्तुत करता है।”

उन्होंने आगे कहा था, “कोई भी विधेयक जो आर्थिक गतिविधियों के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, कोई भी विधेयक जो रोजगार पैदा नहीं करता है, कोई भी विधेयक जो किसी व्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन करता है, कोई भी विधेयक जो असंवैधानिक है उसकी समीक्षा की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो उसे रद्द किया जाएगा।”

राज्य में कांग्रेस की सरकार बनते ही मानवाधिकार के नाम पर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने अपनी तीन प्रमुख माँगें रखी थीं। उसने कहा था कि कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध, धर्मांतरण विरोधी कानून और गोवध कानून का सरकार समीक्षा करेगी।

एमनेस्टी इंडिया ने अपनी पहली माँग में शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को हटाने को कहा। उसने कहा, “यह प्रतिबंध मुस्लिम लड़कियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और शिक्षा के अधिकार के बीच चयन करने के लिए मजबूर करता है। इससे समाज में सार्थक रूप से भाग लेने की उनकी क्षमता बाधित होती है।”

अपनी दूसरी माँग में पशु क्रूरता (रोकथाम) अधिनियम 2020 और कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण विधेयक 2022 के प्रावधानों की समीक्षा करने और उन्हें निरस्त करने के लिए कहा। दूसरे शब्दों में, एमनेस्टी इंडिया ने कर्नाटक में गोहत्या की अनुमति और हिंदू विरोधी ताकतों को राज्य में धर्मांतरण रैकेट (लव जिहाद) चलाने की माँग की है।

एमनेस्टी इंडिया ने अपने ट्वीट में आगे कहा कि गोवध और धर्मांतरण पर बने कानून का दुरुपयोग हो सकता है और इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, एमनेस्टी इंडिया ने मुस्लिम विक्रेताओं का बहिष्कार करने वाले हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया।

अपनी तीसरी माँग को लेकर एमनेस्टी ने कहा, “राज्य में चुनावों से पहले मुस्लिम के आर्थिक बहिष्कार और उनके खिलाफ हिंसा का आह्वान किया गया था। धर्म-जाति आधारित भेदभाव से प्रेरित घृणा और घृणित अपराधों को समाप्त करने के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करें।” दिलचस्प बात यह है कि ऐसी कई रिपोर्ट आई हैं, जिनमें मुस्लिमों ने हिंदू व्यवसायों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है, लेकिन एमनेस्टी ने इसे कभी भी घृणित नहीं कहा।