भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर (फोटो साभार: Rediff)
Operation Sindoor से पाकिस्तान को पहुंची जबरदस्त आर्थिक मार ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया। अगर अभी भी पाकिस्तान ने आतंकवादी हमले बंद नहीं किए तो इससे भी जबरदस्त नुकसान को उठाना पड़ेगा। इसमें कोई दो राय नहीं कि मदरसों और मस्जिदों की आड़ में जो आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था सब दुनिया के सामने आ गया। 10 मई की रात में भारत द्वारा पाकिस्तान को पहुंचे नुकसान ने घुटने पर आने को मजबूर कर दिया। अगर लड़ाई कम से कम 3 दिन और चल गयी IMF से मिला अनुदान भी पाकिस्तान को बचा नहीं सकता था। Cease fire के लिए भारत के आगे गिरगिराया। इतने दिनों में हुए पाकिस्तान को हुए नुकसान ने पाकिस्तान को 30 साल पीछे धकेल दिया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर कई दिनों तक चली तनातनी आखिरकार थम गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने शनिवार (10 मई 2025) को ऐलान किया कि दोनों देशों ने ‘तुरंत और पूरी तरह से युद्ध रोकने (Full and Immediate Ceasefire)’ करने का फैसला किया है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “पूरी रात चली बातचीत के बाद, अमेरिका की मदद से भारत और पाकिस्तान सीजफायर पर राजी हुए। दोनों को समझदारी दिखाने की बधाई।”
भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक घोषित हुए संघर्षविराम के पीछे बड़ी कूटनीतिक वजह है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर बीते कई दिनों से अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ लगातार बातचीत में शामिल थे। शाम 5 बजे से ही युद्ध विराम लागू हो चुका है।
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बारे में आधिकारिक बयान दिया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ को 3.35 बजे शाम को कॉल किया था, जिसके बाद दोनों पक्षों में फायरिंग और सैन्य अभियानों को रोकने की सहमति बनी। ये समझौता शाम 5 बजे से लागू हो गया।
"Pakistan's DGMO called Indian DGMO at 15:35 hours earlier this afternoon. It was agreed between them that both sides would stop all firing and military action on land, in the air & sea with effect from 1700 hours IST. Instructions have been given on both sides to give effect to… https://t.co/rEhleUtOXq pic.twitter.com/zUhZ3X0R0g
— ANI (@ANI) May 10, 2025
ये खबर तब आई जब दोनों देश एक-दूसरे की फौजी चौकियों पर हमले कर रहे थे। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, जिससे पाक बैकफुट पर आ गया।
कुछ हफ्तों में भारत-पाक सीमा पर हालात बेहद गर्म थे। 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। भारतीय सेना ने ड्रोन और एंटी-टैंक मिसाइलों का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी फौजी ठिकानों को निशाना बनाया। खबरों के मुताबिक, रावलपिंडी और चकलाला जैसे इलाकों में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ।
पाकिस्तान ने भी पलटवार किया। उसने भारत पर 400 ड्रोनों और मिसाइलों से हमले का इल्जाम लगाया। पाकिस्तानी फौज ने ‘ऑपरेशन बनयान उल मरसूस’ शुरू कर भारतीय ठिकानों पर हमले किए। जम्मू, अमृतसर और पूंछ में धमाकों की खबरें आईं। लेकिन भारतीय सेना ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। 8-9 मई की रात भारत ने पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराया और सीमा पर कालाबाजी दिखाने वालों को सबक सिखाया।
भारत का कहना था कि पाकिस्तान बार-बार सीजफायर तोड़ रहा था और आतंकियों को भेज रहा था। भारतीय सेना ने न सिर्फ इन हमलों को रोका, बल्कि पाकिस्तान के फौजी ठिकानों को भी निशाना बनाया।
दूसरी तरफ, बलूच विद्रोहियों ने भी पाकिस्तान को निशाना बनाया। बलूच लिबरेशन आर्मी ने मंगोचार शहर पर कब्जा कर लिया और 39 ठिकानों पर हमले किए। उन्होंने CPEC हाइवे को ब्लॉक कर दिया और पाकिस्तानी सेना को बैकफुट पर धकेल दिया। बलूच नेता मीर यार बलूच ने कहा, “पाकिस्तान का पतन करीब है। हम आजादी चाहते हैं और भारत से दूतावास खोलने की अपील करते हैं।” इससे पाकिस्तान पर दो तरफा दबाव पड़ा।
ट्रंप की मध्यस्थता के बाद सीजफायर तो हो गया, लेकिन भारत और पाकिस्तान भी इसकी पुष्टि कर देंगे। वहीं, सऊदी अरब ने भी मध्यस्थता की पेशकश की है। जानकारों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत अब चुप नहीं रहेगा। लेकिन शांति के लिए दोनों देशों को भरोसा बनाए रखना होगा।