बधाई मेरे दोस्त… अमेरिका ने 132 साल बाद दोहराया इतिहास, राष्ट्रपति चुनाव जीतते ही एलन मस्क से लेकर आतंकवाद तक पर डोनाल्ड ट्रंप ने की मन की बात

       डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में फिर राष्ट्रपति बनकर वापसी फोटो साभार: NYT/ @narendramodi का X हैंडल
अमेरिका का 47वाँ राष्ट्रपति चुने जाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र ने बधाई संदेश दिया। ट्रंप के साथ अपनी पुरानी 4 तस्वीरें साझा करते हुए पीएम मोदी ने ट्रंप को अपना दोस्त बताया और कामना की कि वे लोग मिलकर भविष्य में भी काम करेंगे।

उन्होंने अपने संदेश में कहा, “मेरे मित्र डोनाल्ड ट्रंप को ऐतिहासिक चुनावी जीत पर हार्दिक बधाई। जैसा कि आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं, मैं भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए हमारे सहयोग को नवीनीकृत करने के लिए तत्पर हूँ। आइए हम सब मिलकर अपने लोगों की बेहतरी के लिए और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए काम करें।”

डोनाल्ड ट्रंप की इस जीत के साथ ही सोशल मीडिया पर काफी मीम भी बनाकर शेयर किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक मीम कंगना रनौत ने अपने साझा किया है। मीम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह ट्रंप का चेहरा लगा है और सीएम योगी की जगह एलन मस्क का चेहरा लगा है। इस मीम को साझा करते हुए कंगना ने कहा कि ये मीम इंटरनेट पर सबसे बेस्ट है। वहीं अन्य यूजर्स भी इसी तरह के मीम शेयर करके लिबरलों की चुटकी ले रहे हैं।

ट्रंप की जीत से डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक जहाँ दुख में है वहीं ट्रंप ने जीत के बाद अपने समर्थकों में जोश भरा है। चुनाव जीतने के बाद ट्रंप की पहली स्पीच में उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने अमेरिका की जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि वो अपनी बहर सांस तक अमेरिका के लोगों और उनके परिवार के लिए लड़ेंगे।

 समर्थकों से अपने ऊपर हुए हमले को याद दिलाते हुए कहा- “भगवान ने मेरी जिंदगी किसी वजह से बचाई। और यह वजह है कि अपने देश को बचाना और अमेरिका को फिर से महान बनाना।” उन्होंने आश्वासन दिया कि वो अब सब ठीक कर देंगे और कहीं कोई युद्ध नहीं होगा। उन्होंने अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर भी बात की और आतंकवाद को खत्म करने के वादे को भी याद रखा।

ट्रंप ने अपने भाषण के दौरान एलन मस्क का भी जिक्र किया। ट्रंप ने कहा कि एलन मस्क को बहुत प्रेम करते हैं और उनके समर्थन के लिए आभार जताते हैं। उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रपति बनकर वो अपने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने अवैध माइग्रेशन को बंद करने और अमेरिकियों को अच्छी नौकरी देने के अपने वादे पर प्रतिबद्धता दिखाई।

अवलोकन करें:-

ट्रंप जीता तो सरेआम करूँगा गोलीबारी: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बीच हमलों की धमकी देने वाला ग
ट्रंप जीता तो सरेआम करूँगा गोलीबारी: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बीच हमलों की धमकी देने वाला ग

 

अमेरिकी के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने 270 का आँकड़ा पार करते हुए कमला हैरिस को मात दी और एक बार फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति पद को संभाला। ये अमेरिका के 132 साल के इतिहास में दूसरी बार हुआ है। उनसे पहले ग्रोवर क्लीवलैंड दो लगातार कार्यकाल वाले अमेरिकी राष्ट्रपति थे। वे पहली बार 1884 और फिर 1892 में राष्ट्रपति बने थे। मालूम हो कि ट्रंप की पार्टी के लिए इस जीत के साथ अमेरिका के उच्च सदन से भी खुशखबरी सामने आई है जहाँ पार्टी ने चार साल बाद सीनेट में अपनी संख्या बहुमत के पार कर ली है। इसी के साथ अब सदन में रिपब्लिकन पार्टी के 51 और डेमोक्रेट पार्टी के 49 सांसद हो गए हैं।

अब जम्मू-कश्मीर में भी बुलडोजर एक्शन की तैयारी: बोले LG मनोज सिन्हा- आतंकियों को पनाह दी तो मिट्टी में मिला देंगे घर, नहीं दिखाएँगे रहम

सुप्रीम कोर्ट लाख मुस्लिम कट्टरपंथियों और मुस्लिम तुष्टिकरण करने वालों के आगे नतमस्तक होकर बुलडोज़र पर आदेश दे, लेकिन जनहित और देश में शांति बनाए रखने के लिए योगी प्लान बुलडोज़र ज्यादा सफल है। दंगाइयों को कोर्ट भले ही जेल भेज दे देती हो, लेकिन कई स्थितियों में जमानत भी दे देती है। लेकिन जब तक इन उपद्रवियों, इनके समर्थकों पर डर नहीं बैठाया जाएगा ये अशांति फैलाते रहेंगे। कई दिनों से दिल सोंचता था कि आखिर इन आतंकियों को संरक्षण देने वालों पर क्यों नहीं कार्यवाही होती? गोलीबारी बहुत महँगी पड़ती है। जब तक घरों में संरक्षण देने वालों पर कार्यवाही नहीं होगी आतंकवाद समाप्त नहीं होगा। बहुत तमाशा हो गया देश को अशांत करने का।  लगता है सुप्रीम कोर्ट भी देशहित और जनहित में बुलडोज़र कार्यवाही पर सोंच-समझकर कोई निर्णय देगी। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट को बुलडोज़र रोकने की पेटिशन फाइल करने वालों क्यों नहीं पूछती कि 'ऐसी नौबत क्यों आने दी?" पत्थरबाज़ी करना, पेट्रोल बम फेंकना और आतंकियों को संरक्षण देना क्या उचित है?     
जम्मू कश्मीर में भी अब आतंक के मददगारों पर बुलडोजर एक्शन होने वाला है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने चेतावनी दी है कि जो लोग आतंकियों को शरण देंगे, उनका घर जमींदोज कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि इस कार्रवाई पर कोई समझौता नहीं होगा। LG मनोज सिन्हा ने राज्य की जनता से अपील की है कि वह आतंक के मददगारों के खिलाफ हो जाएँ।

मंगलवार (5 नवम्बर, 2024) को श्रीनगर में राब्ता-ए-आवाम नाम के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में LG मनोज सिन्हा ने यह बात कही। उन्होंने कहा, “आतंक को पहचानना सिर्फ प्रशासन या सुरक्षाबलों का नहीं है। आवाम का भी यह काम है और अगर तीनों एक साथ तय कर लें तो इसे (आतंक) खत्म होने में एक साल से ज्यादा समय नहीं लगेगा।”

LG मनोज सिन्हा ने इसके बाद कहा, “हमारे देश में आतंक को प्रश्रय देने वाले लोग हैं और फिर कहते हैं कि हमारे ऊपर अन्याय हो रहा है। यह उचित बात नहीं है। 40000-50000 लोगों की जान जा चुकी है। कितनी महिलाएँ विधवा हो चुकी हैं, कितनी बहनों के भाई चले गए बावजूद इसके अगर जनता इन लोगों के खड़ी नहीं होती तो ये कश्मीर कभी नहीं बदलेगा।”

LG मनोज सिन्हा ने इसके बाद आतंक के मददगारों को चेताया। उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर कह रहा हूँ, बेगुनाह को छेड़ो मत, गुनाहगार को छोड़ो मत। अगर कोई आतंकवादी को शरण देगा तो उसका घर जमींदोज किया जाएगा। ये मैं कहना चाहता हूँ, इसमें कोई समझौता नहीं होगा।”

आतंकियों को शरण देने के खिलाफ यह बयान ऐसे समय में आया है जब बीते कुछ दिनों में लगातार सुरक्षाबलों ने कई आतंकियों को रिहायशी इलाके में मार गिराया है। हाल ही में श्रीनगर में सेना एक घर में छुपे 3 आतंकियों को मार गिराया था। सेना ने इस घर को भी जमींदोज कर दिया था।

श्रीनगर के अलावा बाकी इलाकों में भी सुरक्षाबलों ने कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में अपने ऑपरेशन तेज कर दिए हैं। बीते एक सप्ताह में लगभग 4-5 जगह ऑपरेशन हो चुके हैं। इनमें स्थानीय और पाकिस्तानी, दोनों तरह के आतंकी मार गिराए गए हैं।

LG मनोज सिन्हा ने अपने बयान में जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिए जाने को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने की बात उतनी ही पक्की है जितना सूर्य का पूरब से निकलना। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य की नई सरकार कोशिश करेगी।

ट्रंप जीता तो सरेआम करूँगा गोलीबारी: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बीच हमलों की धमकी देने वाला गिरफ्तार, वह भी पकड़ा गया जो शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डाल घूम रहा था; ट्रम्प की जीत से भारत विरोधियों को तगड़ा झटका; भारतीय विपक्ष भी हुआ दम

डोनाल्ड ट्रम्प की जीत अमेरिका के लिए तो ऐतिहासिक है कि भूतपूर्व राष्ट्रपति पिछले चुनाव में हारने के बाद अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन इतिहास रच दिया है। ट्रम्प की जीत का विश्व भर में असर पड़ेगा, विशेषकर कट्टरपंथियों के लिए। ट्रम्प की जीत से खालिस्तानी पुन्नू को भी भारत के विरुद्ध जहर उगलने से पहले सोंचना होगा क्योकि अब कोई बीडेन उसे संरक्षण देने नहीं आएगा। बांग्लादेश और पाकिस्तान को भी अब होशियार रहने की जरुरत है। कमला हैरिस की हार भारत विरोधियों के लिए भी बहुत बड़ा झटका है। कमला को समर्थन देने में अधिकतर भारत विरोधी ही थे। कमला की हार से भारतीय विपक्ष को भी तगड़ा झटका लगा है।  
जिस तरह भारतीय विपक्ष मोदी और बीजेपी के विरुद्ध लोकसभा चुनाव में चीखता-चिल्लाता रहता था कि संविधान और लोकतंत्र खतरे में उसे बचाने I.N.D.I. गठबंधन को जिताओं। ठीक यही प्रमुख प्रचार कमला ट्रम्प के विरुद्ध कर रही थे। लेकिन सच्चाई जनता देख रही थी। ट्रम्प की जीत ने भारत विरोधियों को भी जोर का झटका दिया है। 

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल कर ली है। उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी कमला हैरिस से पहले 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करके उन्हें मात दी। खबर लिखे जाने तक हैरिस को 213 इलेक्टोरल वोट प्राप्त हुए और ट्रंप को 270।

इसी के साथ अब डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में फिर से वापसी होगी। उनके चाहने वाले सड़कों पर उतर खुशियाँ मना रहे हैं। वहीं उनके अन्य समर्थक सोशल मीडिया के जरिए अपना उत्साह दिखा रहे हैं। एलन मस्क भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनावों के बीच पुलिस ने आईजैक सिसेल नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आईजैक सिसेल ने धमकी दी थी कि अगर राष्ट्रपति चुनावों में ट्रंप जीते तो वह सरेआम गोलीबारी करेगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उसने यह धमकी एफबीआई नेशनल हेडक्वार्टर को भेजी थी। धमकी में उसने कहा था कि उसके पास हमला करने के लिए हथियार भी है। वो इंतजार बस ट्रंप के जीतने का करना है।

वेस्ट वर्जिनिया के एफबीआई हेडक्वार्टर में भेजे गए धमकी वाले संदेश में लिखा गया, “अगर ट्रंप जीते तो मैं रुढिवादी ईसाई गंदगी पर हमला करूँगा। मेरे पास एक चुराई हुई एआर15 है और इसके निशाने पर कौन है इसका नाम मैं नहीं बता रहा ताकि मैं अपने प्लान पर काम कर सकूँ…एफबीआई तब तक कुछ नहीं कर सकती जब तक मैं हमले को अंजाम नहीं दे देता।”

एक तरफ जहाँ मास शूटिंग की धमकी देने पर आईजैक को गिरफ्तार गया है तो वहीं अमेरिका में अलग-अलग जगहों पर पुलिस को अराजक तत्वों से धमकियाँ मिलने की बात सामने आई है। कहीं बम धमाकों की बात कही जा रही है तो कहीं किसी और हमले की।

मतगणना चालू रहने के बीच वाशिंगटन डीसी से भी एक मामला सामने आया है जहाँ एक युवक को पुलिस ने इसलिए अरेस्ट किया क्योंकि उसका बदन से ज्वलनशील पदार्थ डालने जाने की गंध आ रही थी। पुलिस ने फौरन उसे अपनी हिरासत में लिया।

मुस्लिमों पर कुम्भ में लगा बैन तो हिन्दुओं को दरगाहों में नहीं देंगे एंट्री: समाजवादी पार्टी सांसद जिया उर रहमान

उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि आगामी महाकुम्भ मेले में मुस्लिमों पर प्रतिबन्ध लगाया गया तो वह लोग भी हिन्दुओं को दरगाहों में नहीं घुसने देंगे। बर्क ने कहा कि अगर प्रतिबन्ध लगा तो मुस्लिमों के धार्मिक स्थानों में एंट्री ना देने पर विचार हो सकता है।

दरअसल इस तरह का फैसला लेने में जिया या मुस्लिम समाज ने बहुत देर कर दी है। किसी भी दरगाह पर हिन्दुओं का प्रवेश तो बहुत पहले ही बंद हो जाना चाहिए था। चलो देर आए दुरुस्त आए। 

बर्क का बयान अखाड़ा परिषद की उस माँग के बाद आया है जिसमें महाकुम्भ के दौरान मुस्लिमों को दुकान ना देने की माँग की गई थी। अखाड़ा परिषद के साथ ही पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ‘बागेश्वर बाबा’ ने भी इस माँग का समर्थन किया है।

कुछ विद्वानों ने कहा है कि जिस तरह सऊदी अरब हज यात्रा के दौरान हिंदुओं सहित गैर-मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना में एंट्री पर बैन लगाता है, उसी तरह मुसलमानों को हिंदू धर्म के सबसे बड़े पवित्र आयोजन का सम्मान करना चाहिए और दूरी बनाए रखनी चाहिए।

जिस ईमान खलीफ का मुक्का खाकर रोने लगी थी महिला बॉक्सर, वह मेडिकल जाँच में निकली ‘मर्द’: जीता था गोल्ड

                                           ईमान खलीफ निकला पुरुष (फोटो साभार: cbc न्यूज)
पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान अपने जेंडर को लेकर खबरों में आया अल्जीरिया का ट्रांस बॉक्सर ईमान खलीफ फिर चर्चा में है। कथिततौर पर उससे जुड़ी एक रिपोर्ट लीक हुई है जिसका ड्राफ्ट क्रेमलिन-बाइसिट्र अस्पताल के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है।

बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में दावा है कि ईमान असल में अब भी पुरुष ही है। ये मेडिकल रिपोर्ट खुलासा करती है कि इमान के शरीर में महिलाओं के अंग (जैसे यूटरस) गायब और पुरुषों वाले कई अंग पाए गए हैं, जिसमें आंतरिक अंडकोष और XY गुणसूत्र शामिल हैं।

कहा जा रहा है कि यह स्थिति 5-अल्फा रिडक्टेस अपर्याप्तता नामक विकार से संबंधित हो सकती है, जो यौन विकास का एक विकार है और आमतौर पर जैविक पुरुषों में पाया जाता है।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर माँग उठ रही है कि ईमान से उसका ओलंपिक पदक वापस लिया जाए। भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी इस संबंध में ट्वीट ईमान से गोल्ड वापस लेने की माँग की है। उनके अलावा अन्य यूजर्स भी ईमान की तमाम वीडियो शेयर करके सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कोई बताए कि ईमान कहाँ से महिला लगता है।

पेरिस ओलंपिक के वक्त इटली की महिला बॉक्सर एंजेला कैरिनी से ईमान के मैच के बाद उसकी ताकत देखते हुए उसके जेंडर पर सवाल खड़े हुए थे। हालाँकि ओलंपिक कमेटी इस मुद्दे पर विचार करने को तैयार नहीं थी। 46 सेकेंड में खत्म हुए मैच के बाद एंजेला ने बताया था कि ईमान ने उन्हें इतनी तेज मुक्का मारा कि उन्हें कभी किसी महिला से ऐसा मुक्का नहीं पड़ा।

भारत सरकार को कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के सभी कथित खलितानियों के OCI cards रद्द कर देने चाहिए ; कनाडा को गर्त में धकेलने को उतारू जस्टिन ट्रूडो

सुभाष चन्द्र

कथित खालिस्तानियों को पनाह देने और उनकी हिंदुओं एवं भारत के खिलाफ हरकतों को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन पूरी तरह लिप्त है। ट्रुडो तो कुछ हजार “कथित खलितस्तानियों” के लिए कनाडा को गर्त में धकेलने को उतारू है उसे इस बात का आभास नहीं है कि आज ये “खालिस्तान समर्थक” सिर उठाए हुए हैं तो कल को कनाडा के 5% मुस्लिम जब शरिया की मांग करेंगे तो क्या हश्र होगा? 

अमेरिका में केवल 1.1% मुस्लिम होते भी अमेरिका को इस्लामिक देश बनाने की आवाज़ उठने लगी है ब्रिटेन भारत को हिंदू मुस्लिम के आधार पर तोड़ कर गया और आज वह कथित खलितानियों को भारत से अलग करने की कोशिश में लगा है लेकिन उसे उसके कर्मों का फल मिलना शुरू हो गया है जो अनेक प्रांतों में शरिया लागू करने की मांग होने लगी है और एक दिन ब्रिटेन एक दो नहीं कई टुकड़ों में बटेगा उसकी Divide & Rule की नीति लोग उसी पर थोपेंगे एक बात जितने भी सनातन विरोधी है उन्हें याद रखनी चाहिए कि अरबों-खरबों वर्ष प्राचीन धर्म का कोई माई का लाल बाल बांका नहीं कर पाया। इतिहास साक्षी है कोई इंकार नहीं कर सकता। सभी -चाहे वह कोई देश है या मजहब- अपने ही बुने जाल में फंस रहे हैं।  

लेखक 
चर्चित YouTuber 

कनाडा का ट्रूडो स्वयं कथित खालिस्तानियों को बढ़ावा दे रहा है, उनकी पार्टी के साथ सरकार चला रहा था और अब ब्रेम्पटन में खालिस्तानी समर्थकों के हिंदू मंदिर पर हमले के लिए टसुए बहा रहा है और ऐसा करते हुए भी वह खालिस्तानियों की ही भाषा बोल रहा है

उसने कहा है - 

“आज ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं, साथ में यह भी कह दिया कि प्रत्येक कनाडाई को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से अपने धर्म के पालन करने का अधिकार है, समुदाय की रक्षा करने और इस घटना की जांच करने और तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस का धन्यवाद”

हिंदुओं को स्वतंत्र रूप से अपने धर्म का पालन तो नहीं करने दिया गया लेकिन खालिस्तान समर्थकों ने जरूर अपने “धर्म” का स्वतंत्र रूप से पालन किया और हिंदुओं पर हमला किया यदि टुडो शुरू से उन्हें ना पाल रहा होता तो आज यह नौबत ही नहीं आती और इसलिए वो ही इसके लिए जिम्मेदार है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं, हमारे राजनयिकों को डराने - धमकाने के कायराना प्रयास भी उतने ही भयावह हैं हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी”

ट्रूडो की पुलिस कथित खलितानियों का साथ दे रही थी एक अधिकारी के लिए वीडियो में बताया गया कि उसने हिंदुओं पर लाठी बरसाई कनाडा पुलिस में मौजूद यह खालिस्तानी सार्जेंट हरिंदर सोही था जिसे सारा कांड करने की बाद सस्पेंड किया गया है लेकिन वह अकेला नहीं होगा इसके कृत्यों का दोषी बल्कि उसे समर्थन देने वाले और भी अधिकारी होंगे

कहते हैं ये लोग हमारे पंजाब और पाकिस्तान के जरिए बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी करते हैं और इसलिए भारत सरकार को इस सभी के OCI कार्ड रद्द कर देने चाहिए जिससे इनका भारत में घुसना ही बंद हो जाए

आपको याद दिला दूं 2 मार्च, 1995 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस AS Anand और जस्टिस Faizan Uddin पंजाब सरकार के 2 कर्मचारियों को खालिस्तान के पक्ष में नारे लगाने के आरोप से बरी कर दिया था और कहा था कि Stray slogans do not attract Section 124A pertaining to sedition (देशद्रोह) - casual expressions without intent to incite hatred or disorder do not fall under the ambit of the cited sections - 124A (Sedition) and 153 A (promoting enmity”.

सुप्रीम कोर्ट की इस शह ने खालिस्तान का बरगद का पेड़ खड़ा कर दिया सत्यानाश कर दिया जो आज देश भुगत रहा है वो नारे ही आज रंग दिखा रहे हैं

आगरा के जिस पार्क से ताजमहल को निहारते थे सैलानी, उसकी 6 बीघा जमीन एक किसान ने ट्रैक्टर से जोत दी; बाड़ लगा प्रवेश किया प्रतिबंधित

                              अपनी जमीन बताते हुए किसान मुन्ना लाल ने लगाए बैरिकेड (फ़ाइल फोटो, साभार: NBT)
आगरा के ताजमहल के पास स्थित 11 सीढ़ी पार्क विवादों के घेरे में है। इस जगह से सैलानी सूर्यास्त के समय ताजमहल को निहारा करते हैं। एक स्थानीय किसान ने इस पार्क के एक बड़े हिस्से को निजी जमीन बताते हुए ट्रैक्टर से जोत दिया है। साथ ही बाड़ लगाकर सैलानियों का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया है।

इस किसान का नाम मुन्ना लाल है। उनका कहना है कि पार्क के अंदर 6 बीघा जमीन उनकी निजी भूमि है। इसको लेकर वे लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने और इस पर अधिकार हासिल करने का भी दावा कर रहे हैं। आगरा की कमिश्नर ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 11 सीढ़ी पार्क की जमीन पर दावा करने वाले किसान मुन्ना लाल, कछपुरा के नगला देवजीत गाँव के मूल निवासी हैं। कथित तौर पर इस पार्क की करीब 6 बीघा जमीन पर कभी मुन्ना लाल के चाचा और पिता खेती किया करते थे। जमीन के कागजातों पर भी उन्ही के नाम हैं। साल 1976 की सीलिंग में यह जमीन मुन्ना लाल के परिवार के हाथ से निकल गई। इसके बाद जमीन वापस पाने के लिए मुन्ना लाल ने 40 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी।

मुन्ना लाल का कहना है कि साल 1998 और 2020 के जिला न्यायालय के दस्तावेजों में इस जमीन का ट्रांसफर ऑफ ओनरशिप उनके पक्ष में दर्ज हुआ। साल 2020 में SDM ने भी इस जमीन पर मुन्ना लाल के स्वामित्व की पुष्टि की थी। साथ ही यह जमीन रेवेन्यू रिकॉर्ड में भी अपने नाम पर दर्ज होने का वे दावा कर रहे हैं।

मुन्ना लाल का कहना है कि इस जमीन पर उनके स्वामित्व का अदालती आदेश है। उन्होंने ट्रैक्टर से पार्क में अपने कथित हिस्से को न सिर्फ जुतवा डाला है, बल्कि उसकी घेराबंदी भी कर दी है। इस क्षेत्र में अब आम लोगों का आना-जाना प्रतिबंधित है। आगरा की कमिश्नर ऋतु माहेश्वरी का कहना है कि जमीन आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) के अधीन आती है। इस पार्क की देखरेख का भी जिम्मा ADA का है। उन्होंने मुन्ना लाल के दावों की जाँच के आदेश जारी किए हैं। बताते चलें कि साल इसी पार्क में साल 2023 में ताज महोत्सव का आयोजन हुआ था। यहीं 1997 में ग्रीक संगीतकार यन्नी का कॉन्सर्ट भी हुआ था।

कनाडा की सड़कों पर सनातनियों का सैलाब, लग रहे ‘जय श्रीराम’ के नारे: हिंदू मंदिर पर हमले को लेकर PM मोदी ने दिया सख्त संदेश, हिंसा में अब तक 3 गिरफ्तारी; पीड़ित हिन्दुओं को पीटते पुलिस वालों पर क्यों नहीं कार्यवाही की जा रही?

बांग्लादेश और कनाडा में उमड़े हिन्दू सैलाब को देख लगता है शायद 1555 में फ्रेंच महान ज्योतिष नॉस्त्रेदमस की हिन्दुत्व और अखंड भारत को लेकर मुखरित की गयी भविष्यवाणीं का शंखनाद हो चुका है, और सनातन विरोधियों के पतन का समय भी निकट आ रहा है। 

सनातन विरोधी भूल रहे हैं अरबों-खरबों वर्ष प्राचीन सनातन धर्म को कोई नहीं मिटा पाया। इन की क्या हैसियत? विपरीत इसके दुश्मनों का नाम लेवा भी नहीं बचा। गाज़ी जिन्हें मुग़ल बादशाह बताया जाता है, भारत में उनका नाम इसलिए जीवित है क्योकि यहाँ लालची लोगों के सहारे इन गाज़ियों का नाम लेने वालों की दुकानें चल रही है। वह भी बहुत जल्दी बंद होने के कगार की ओर बढ़नी शुरू हो चुकी हैं। भारत में मुस्लिम भी इस्लाम छोड़ एक्स मुस्लिम बन रहे हैं और जिस दिन इनकी संख्या 1+ लाख हो गयी, हिन्दू राष्ट्र उतनी सुगम होनी शुरू हो जाएगी। इनका वर्चस्व सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। जिसका श्रेय जाता है मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा नूपुर शर्मा विवाद को। इनके सवालों का जवाब वो मौलाना, मौलवी या इमाम देने से भागते देखा है जिन्हे आम मुसलमान बहुत पहुंचा हुआ बताते हैं।    

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मुखरित "बंटोगे तो कटोगे" सिर्फ एक नारा ही नहीं विश्व हिन्दुओं को जागृत करने का शंखनाद सिद्ध हो रहा है।     
कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले के बाद जगह-जगह इस घटना के खिलाफ रोष जाहिर किया जा रहा है। पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है मगर इससे हिंदुओं की नाराजगी शांत नहीं है। जबकि खालिस्तानियों की बजाए पीड़ित हिन्दुओं को पुलिस प्रताड़ित करती वीडियो में साफ नज़र आ रही है, उन पर खालिस्तान समर्पित सरकार क्यों नहीं कार्यवाही करती? उन्होंने कनाडा में मार्च निकाल अपनी सुरक्षा के लिए चिंता जाहिर की। इस दौरान जोर-जोर से नारेबाजी हुई। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। हमारे राजनयिकों को डराने की कायराना कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं कर पाएँगे। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को कायम रखेगी।”

हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी हमले के बाद कनाडा में हिंदू समुदाय के हजारों लोग भी सड़कों पर उतरे दिखे। इस दौरान उन्होंने मार्च निकालते हुए खुलेआम खालिस्तान मुर्दाबाद और जय श्रीराम के नारे लगाए। मार्च की वीडियो सोशल मीडिया पर हर जगह मौजूद है।

कनाडाई हिंदू संगठन ‘कोएलिशन ऑफ हिंदू ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “हिंदू मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ हजार से ज्यादा कनाडाई हिंदू ब्रैम्पटन में इकठ्ठा हुए हैं। कल (रविवार) को पवित्र दिवाली वीकेंड के दौरान इस तट से दूसरे तट तक कनाडा के हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। हम कनाडा से इस हिंदू फोबिया को तुरंत रोकने के लिए कहते हैं।”

अवलोकन करें:-

"बंटोगे तो कटोगे" नारा ही प्रभावी बना ; कनाडा में हिल गया पक्ष और विपक्ष ; हिंदू मंदिर के बाहर प्रद

हिंदू मंदिर पर हमला

3 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में भारतीय कांसुलर कैंप चल रहा था। इस बीच खालिस्तानियों की भीड़ आई और उनपर हमला बोल दिया। इस दौरान बच्चे और महिलाएँ भी निशाना बनाई गईं। घटना के बाद पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियाँ की है। वहीं एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड किया गया है। हिंसा मामले में गिरफ़्तार किए गए लोगों की पहचान मिसिसॉगा के 43 वर्षीय दिलप्रीत सिंह बौंस, ब्रैम्पटन के 23 वर्षीय विकास और मिसिसॉगा के 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह के तौर पर हुई है।

भारत-बांग्लादेश-म्यांमार को काटकर ईसाई मुल्क बनाने की रची जा रही साजिश? जिस अमेरिकी खतरे से शेख हसीना ने किया था आगाह, वही बात मिजोरम के मुख्यमंत्री द्वारा बोलने से क्यों मचा हड़कंप?

                   लालदुहोमा के बयान पर बवाल मच गया है (चित्र साभार: Swarajya & The Hills Times)
मिजोरम के मुख्यमंत्री पू लालदुहोमा के एक हालिया बयान पर विवाद हो गया है। यह बयान लालदुहोमा ने अमेरिका में दिया था। लालदुहोमा ने इस बयान में उत्तरपूर्व क्षेत्र में एकीकृत जो लोगों का देश बनाने की बात की तरफ इशारा किया। लालदुहोमा ने कहा था कि हमें (जो ईसाइयों) तीन अलग-अलग सरकारों के अंतर्गत रहना पड़ रहा है, जो स्वीकार्य नहीं है। लालदुहोमा के बयान में साफ़ में था कि वह भारत, म्यांमार और बांग्लादेश रहने वाले जो लोगों को एक निजाम के अंतर्गत चाहते हैं।

लालदुहोमा ने यह बयान अमेरिका में 4 सितम्बर, 2024 को दिया था। यह बयान जो समुदाय की एक बैठक में दिया गया जहाँ पर उन्होंने उत्तरपूर्व में एक संगठित चर्च बनाने की चर्चा भी छेड़ी थी। उन्होंने यहीं तीनों देशों में बिखरे ईसाइयों के एक साथ एक देश में होने की बात भी कही।

लालदुहोमा ने क्या कहा?

लालदुहोमा ने कहा, “अमेरिका की यात्रा पर आने का मुख्य कारण हम हमारी एकता का एक रास्ता तलाशना है। हम लोग एक ही हैं और एक दूसरे से अलग रहने का जोखिम नहीं उठा सकते… हमें गलत तरीके से बाँटा गया है और तीन अलग-अलग देशों में तीन अलग-अलग सरकारों के अधीन रहने के लिए मजबूर किया गया है, यह ऐसी बात है जिसे हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”
लालदुहोमा का तीन अलग-अलग सरकारों से तात्पर्य भारत, बांग्लादेश और म्यांमार से था। लालदुहोमा के बयान से साफ़ है कि उन्हें ईसाई समुदाय का तीन अलग-अलग देशों में अलग-अलग देशों में रहना पसंद नहीं है और वह इन तीनों क्षेत्रों को एक करने के लिए एक रास्ता तलाशना चाहते हैं।
इसी बयान में लालदुहोमा ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि हम यह दृढ़ विश्वास और इच्छाशक्ति रखें कि एक दिन, ईश्वर की कृपा से, जिसने हमें एक देश बनाया है, उसी के नेतृत्व में हम एक देश बन कर उठेंगे और अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे।” उन्होंने बाद में यह भी कहा कि कोई एक देश सीमाओं के तौर पर बंटा भी हुआ हो सकता है।
लालदुहोमा की इस बात से साफ़ है कि वह एक ऐसे देश की बात कर रहे हैं जिसमें यह तीनों जगह के लोग शामिल हों लेकिन एकदम अलग होगा और यह ईश्वर की कृपा से बनेगा। लालदुहोमा यह बयान तब दे रहे हैं जब वह स्वयं भारतीय गणराज्य के अंतर्गत एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्होंने देश की एकता और अखंडता को लेकर शपथ ली है।

शेख हसीना ने भी इसी की आशंका जताई थी 

जिस तरह की बात लालदुहोमा कर रहे हैं, इसी से सम्बन्धित बात बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कह चुकी हैं। शेख हसीना ने बांग्लादेश में तख्तापलट से पहले मई 2024 में शेख हसीना ने कहा था कि गोरी चमड़ी वाले देश बांग्लादेश और म्यांमार के एक हिस्से को तोड़ कर ईसाई देश बनाना चाहते हैं।
उन्होंने तब भारत का नाम नहीं लिया था लेकिन साफ़ था कि यह देश भी उसी तर्ज पर बनता, जिसकी दुहाई लालदुहोमा ने दी है। लालदुहोमा का भी कहना है कि ईसाइयों को उत्तर पूर्व में एक होना होगा और ईश्वर ने चाहा तो उनका एक देश का सपना जरूर पूरा होगा।

शेख हसीना ने यह भी कहा था कि अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश उनके चुनाव और सरकार में इसलिए अड़ंगा लगा रहे हैं क्योंकि वह बंगाल की खाड़ी में एक बेस चाहते हैं। हसीना ने कहा था कि इस ईसाई मुल्क में चट्टोगाम भी शामिल होगा, जो खाड़ी का एक प्रमुख बंदरगाह है। उन्होंने कहा था कि एक गोरी चमड़ी वाले आदमी ने उनको यह सारे ऑफर दिए थे।
इसी के कुछ दिनों के बाद शेख हसीना की सत्ता चली गई थी। उन्हें आनन फानन में अपना देश छोड़ कर निकलना पड़ा था। वर्तमान में वह भारत में शरण लेकर रह रही हैं। लेकिन उनके द्वारा जताई गई चिंता एक बार फिर मिजोरम CM के बयान के रूप सामने आई है।

नई नहीं है ईसाई देश की बातें

भारत के उत्तर पूर्व में एक ईसाई देश बनाने की यह बात कोई नई नहीं है। शेख हसीना ने मई में इसको लेकर अपने नेताओं से भी चिंता जताई थी। स्वराज्य की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना ने आवामी लीग के नेताओं से बताया था कि जोगम नाम का एक देश बनाने की साजिश चल रही है। शेख हसीना ने बताया था कि इस देश में म्यांमार के सागाइंग डिवीजन और चिन राज्य का बड़ा हिस्सा, भारत का मिजोरम और मणिपुर के कुकी बहुल इलाके और बांग्लादेश के चटगांव डिवीजन के बंदरबन जिले और आसपास के क्षेत्र शामिल होंगे।
भारत के भीतर भी मिजोरम में सत्तारूढ़ ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM), विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) और साथ ही कॉन्ग्रेस पार्टी की राज्य इकाई मिजोरम स्थित ZRO द्वारा की गई एकीकरण की माँग का समर्थन करती है, इसका मुख्य उद्देश्य तीनों देशों में सभी ज़ो-आबादी वाले क्षेत्रों का एकीकरण करना है। बताया गया है कि चर्च और विशेष रूप से अमेरिका स्थित बैपटिस्ट चर्च इस “ज़ो-एकीकरण” की माँग को बढ़ावा दे रहा है। इन चर्च के अमेरिका की CIA से घनिष्ठ संबंध होने की सूचना है।
मणिपुर में हिंसा में बड़ा रोल निभाने वाले कुकी लड़ाके भी धार्मिक आधार जो लोगों के साथ जुड़े हैं। कुकी वर्तमान में म्यांमार के भीतर बड़ा इलाका नियंत्रित करते हैं। मणिपुर में हिंसा फ़ैलाने में म्यांमार से आने वाले घुसपैठियों का बड़ा हाथ रहा है। यह कुकी भी उस कुकी-चिन-जो समुदाय का हिस्सा हैं, जिसका एक वर्ग अलग ईसाई देश चाहता है।

मिजोरम में ईसाइयत का प्रभाव

मिजोरम की लगभग 90% जनसंख्या ईसाई है। मिजोरम में ईसाइयत का प्रभाव 20वीं शताब्दी की शुरुआत से ही चालू हुआ है। इससे पहले यहाँ की अधिकांश जनता जनजातीय परम्पराओं को मानती थी। हालाँकि, मिशनरियों ने यहाँ लम्बे समय तक ईसाइयत का प्रचार किया जिससे राज्य की अधिकांश जनता ईसाई हो गई।
मिजोरम के अलावा नागालैंड और मेघालय भी ईसाइयत की बहुलता वाले राज्य हैं। हालाँकि, मिजो लोगों का फैलाव सीमाओं के पार भी है, ऐसे में इनके एकीकरण के साथ ही एक देश बनाने की बातें भी उठती रही हैं। CM लालदुहोमा का बयान यही कहानी बताता है।

"बंटोगे तो कटोगे" नारा ही प्रभावी बना ; कनाडा में हिल गया पक्ष और विपक्ष ; हिंदू मंदिर के बाहर प्रदर्शन करने वाला खालिस्तानी पुलिसवाला सस्पेंड, कनाडा के पुलिस एसोसिएशन ने सुरक्षा और मदद का दिया प्रस्ताव; पूज्यनीय शंकराचार्य जी ने भी किया सचेत

भारत में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिए केवल 3 शब्दों के नारे "बंटोगे तो कटोगे" का मुस्लिम कट्टरपंथियों के सुरताल मिलाते कुर्सी के भूखे नेता और उनकी पार्टियां विरुद्ध कर रहे हैं। लेकिन इस नारे के दूरगामी परिणाम से इन सब सनातन विरोधियों की नींद हराम होने के साथ-साथ रोटी-पानी तक ख़त्म हो रहा है। ये सभी अच्छी तरह जानते हैं कि हिन्दू के एकजुट होते ही इन सबकी दुकाने बंद हो जाएंगी। भारत से सात समुद्र पार कनाडा में लगे इस नारे ने भारत में सनातन विरोधियों को ही नहीं, विश्व को चेतावनी दे दी है। कल(नवंबर 4) से ऑनलाइन एक petition sign की जा रही जिसमे अब तक लगभग 37774 sign कर चुके हैं, इसमें हर पल निरंतर वृद्धि हो रही है। जो केवल कनाडा ही नहीं, समस्त विश्व को गंभीर चेतावनी है।
      

अपनी जीवन में कभी किसी पूज्यनीय शंकराचार्य जी महाराज को इस्लाम के विरुद्ध बोलते देखा। दूसरे, दिल्ली में 16 नवंबर को होने सनातन बोर्ड बनाने की मांग को लेकर साधु समाज का सड़क आना भी किसी भी सनातन विरोधी के शुभ संकेत नहीं है। इतना ही नहीं, भारत के हर क्षेत्र में "सिर तन से जुदा" गैंग के विरुद्ध भी ग्रुप विचाराधीन है। अगर किसी को हिन्दू देवी-देवताओं पर अपशब्द बोलने का freedom of speech अधिकार है तो इनके मजहब के विरुद्ध बोलने पर "सिर तन से जुदा" क्यों? अब कोई कमलेश आदि किसी "सिर तन से जुदा" गैंग का शिकार नहीं होगा। एक ही मजहब को freedom of speech अधिकार क्यों? इस अभियान में हिन्दुओं के साथ एक्स मुस्लिम साथ खड़ा होगा। 

एक और अति गंभीर चर्चा सुनने में आ रही कि एक्स मुस्लिम अली सीना की पुस्तक Understanding Mohammad And Muslims और अनवर शेख की पुस्तकों को उपलब्ध कर घर-घर वितरण करने की। वैसे अली सीना की किताब को पढ़ लगता है कि यह अनवर शेख द्वारा लिखित समस्त पुस्तकों को समायोजन कर वर्तमान जेहादी हरकतों को जोड़ा गया है।             

कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा हिंदू सभा मंदिर पर हमला किए जाने के मामले में कनाडाई पुलिस ने अपने एक अधिकारी को निलंबित किया है। अधिकारी पर आरोप है कि वो खालिस्तानियों के साथ मंदिर के बाहर किए जा रहे प्रदर्शन में शामिल था।

ऑफिसर की पहचान सार्जेंट हरिंदर सोही के तौर पर हुई है। प्रशासन ने 18 साल से फोर्स में कार्यरत हरिंदर पर कार्रवाई एक वीडियो वायरल होने के बाद की। उस वीडियो में वो ब्रैम्पटन स्थित मंदिर के बाहर खालिस्तानी भीड़ के बीच झंडा लेकर खड़ा था।

वीडियो में पहचान होते ही लोग कनाडा पुलिस पर सवाल उठाने लगे और इसी बीच पील पुलिस के प्रवक्ता रिचर्ड चिन ने इस सस्पेंशन की जानकारी दी।

अवलोकन करे:-

खालिस्तानियों ने किया हमला, पर कनाडा की पुलिस ने हिंदुओं को ही पीटा: छड़ी-मुक्का मारते वीडियो वा
खालिस्तानियों ने किया हमला, पर कनाडा की पुलिस ने हिंदुओं को ही पीटा: छड़ी-मुक्का मारते वीडियो वा

 

एक तरफ लोग हरिंदर की केवल सस्पेंशन कार्रवाई से असंतुष्ट है तो दूसरी ओर पता चला है कि सोशल मीडिया पर मिली कथित धमकियों के कारण कनाडा की रीजनल पुलिस ने उसे मदद और सुरक्षा का प्रस्ताव दिया है।